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Showing posts from July, 2022

आजकल नींद कड़वी हो चली है...

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  आजकल मैं ख़ुद को अंधेरे में ढूंढने निकल पड़ता हूं। मिलना तो नहीं पाता है ख़ुद से, लेकिन ढूंढते हुए कई बार यादों और वादों के उस नदी तक पहुंच जाता हूं, जहां अक्सर मैं अकेले घंटों तक समय काट देता हूं । जहां मैंने अपने सपनों के बगीचे में देवदार जैसे कई पेड़ लगाए हुए हैं। उनकी छांव में अक्सर मैं खुद को एक छोटी सी चींटी की तरह पाता हूं। उसके नीचे बैठने पर ऊबने जैसी कोई भावना मन में नहीं आती है, और यहीं पर शुरु होती हैं नींद और सपनों की आपसी लड़ाई। आख़िरी जीत किसकी होती है ये कहना मुश्किल होगा क्योंकि सपना पूरा नहीं होता और नींद बीच में ही साथ छोड़ देती है। इस हार जीत में आंखों का और दिमाग़ का सबसे ज्यादा नुकसान होता है, या इसको इस भाषा में भी कह सकते हैं कि आजकल मेरी नींद कड़वी हो चली है, और सपनों का दौर ऐसा है कि  जब नींद ही नहीं आती है तो सपनों का आना भी एक सपना सा हो जाता है। रोज़ इसी उधेड़ बुन में रात गुजरती है कि आज की नींद थोड़ी मीठी होगी, लेकिन रात कब गुजर जाती है सुबह का उजाला भी नहीं बता पाता है। लेकिन यहां मैं केवल अपनी नहीं कर रहा हूं मुझे पता है कि  तुम्हारा हाल भ...

सब डरपोक हैं...

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  पता है इस दुनियां में सबसे खतरनाक चीज़ क्या है? "डर", डर इस दुनियां की वो खतरनाक चीज़ है जिससे आज तक कोई व्यक्ति बच नहीं सका। चाहे वह कोई बहुत बड़ा राजा हो या कोई रंक। यहां हर कोई डरता है और आज के जमाने में तो डर की कई अलग अलग परिभाषाएं हैं। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा जिसकी बात होती है, वो है इंसान का अकेला रह जाना, परिस्थितियों से हार जाना, समाज और परिवार से मिलने वाले तानें, मंज़िल तक पहुंचने का डर और भी बहुत कुछ।  इसमें एक वाक्य है, उस व्याक्य का अपना कोई व्यक्तित्व तो नहीं है लेकिन उसका मतलब बहुत गहरा है कि "जिसको पाया नहीं उसी को खोने से डरते हैं" और आज के जमाने में ये काफ़ी सटीक भी बैठता है। हमें लगता है कि आज तक ऐसा कोई भी नहीं हुआ जिसपर इस वाक्य का प्रभाव ना पड़ा हो। लेकिन इंसान को इसी के साथ जीना भी पड़ता है, बस लोग इसके साथ जीने के कई बहाने ढूंढ लेते हैं, मसलन कोई बहुत ज्यादा मुस्कुराता रहता है, तो कोई किसी भी बात की परवाह ना करने का बहाना करता है, कोई कहता है कि वह जहां है खुश है, तो कोई जो होगा अच्छा होगा के नियम से जीने की कोशिश करता है, कोई ऐसा भी होता ...