इंतज़ार...

Part-2


 कल मुझे एकदम से लगा की जैसे किसी ने मुझे चलती हुई गाड़ी से बीच रास्ते में ही उतार दिया हो मुझे बहुत अज़ीब सा लगा चारों तरफ़ केवल रेत ही रेत दिखाई दे रही है रास्तों का कोई अंत दिखाई ही नहीं दे रहा है, पैदल चलते हुए पैरों में इतनी जलन सी हो गई है कि जूतों को रोड़ के किनारे फेंक फिर से पैदल चलने को सोच रहा हूं, लेकिन जैसी ही खड़ा हुआ तो एकदम से पैरों तले जलन बढ़ सी गई है देखता हूं की उंगलियों में छाले से पड़ गए हैं, हिम्मत ही नहीं हो रही आगे चलने की, सोच रहा हूं कि रुक जाऊं थोड़ी देर के लिए यहीं बैठ जाता हूं, लेकिन जैसे ही आखें बंद कर रहा हूं तुम्हारा अंजान चेहरा एकदम से सामने आ जा रहा है, तुमसे जो मिलने की ख्वाहिश है उसकी खुशी भी है और थोड़ी बैचेनी भी है, कि मैं तुम्हें पसंद भी आऊंगा या नहीं, हो सकता है जैसा तुमने अपने सपने में मुझे देखा हो मैं उससे कई अलग हूं, या जितना तुमने मुझसे बात किया हो उससे भी कई अलग हूं, हो सकता है कि हम गलत भी हो, क्योंकि हम अकेले तो है नहीं इस दुनियां में जो अच्छा व्यक्ति हो। हम बस कोशिश करते हैं कि एक बेहतर इंसान बन सके और एक बेहतर दोस्त, सच कहूं तो मुझे दूर के रिश्ते कभी समझ नहीं आते हैं हमनें कभी दूर वाले रिश्ते जिया ही नहीं, हमें लगता है दूर के रिश्ते में केवल दूरी ही होती है, वो रोज़ शाम को चाय पर इंतज़ार करते हुए बोलना की यार तेरे हाथ की चाय का जवाब नहीं है, वो किताबों की कुछ अच्छी लाइन को सुनाने की उत्सुकता भी नहीं होती है, ना वो सुबह घर से निकलते वक्त गेट तक छोड़ना भी नहीं होता है और शायद रविवार शाम में एक साथ किचन में खाना बनने में एक दूसरे साथ देना भी नहीं होता है। तुम्हे अपनी सबसे बड़ी कमी बताऊं तो मुझे रिश्तों में काफ़ी ज्यादा एक दूसरे का ध्यान रखना पसन्द है, हो सकता है ये बात तुम्हें ख़राब लगे लेकिन हमें लगता है जब मेरी ज़िंदगी में तुम ही सबसे अच्छे दोस्त हो तो हमें किसी और से क्या मतलब है, वैसे भी एक व्यक्ति की ज़िंदगी में होते ही कितने लोग हैं, एक हमसफ़र, परिवार और कुछेक दोस्त, हमनें काफ़ी बार लोगों को परेशान होते हुए देखा है, उनको कहते हुए सुना है कि आज बहुत दुखी हो गए अपने ऑफिस में लोगों से, और हम अकसर उनको जवाब देते हुए कहते हैं अगर तुम्हें शिकायत तो वो जगह छोड़ क्यों नहीं देते, छोड़ दो उन लोगों को जो तुम्हें मानसिक तौर पर तनाव देने की कोशिश करते हैं, क्योंकि तुम बाहर के तनाव से घर के रिश्तों को बिगाड़ना शुरु कर दोगे, तुम वो जगह नहीं छोड़ सकते हो क्योंकि एक तो वो जगह तुमने ख़ुद ही चुना है और दूसरा की तुम इतना पैसा कमाना चाहते हो तुम जो चाहो तुरंत ख़रीद सको, लेकिन इन सबके लिए तुम अपना सब कुछ ख़राब करने के लिए तैयार हो और अगर तुम्हें काम करना ही है तो परेशान होकर काम क्यों करना अपने काम को इतना कठिन क्यों बना लेते हो अपने लिए कि तुम्हें ख़ुद से ही शिकायत करना पड़ जाए। सच बताएं तो हम परेशान नहीं हुए अपने काम से और हमनें काम के साथ उस इंसान को ज्यादा तरजीह देने की कोशिश की जो मेरे साथ हो या मुझसे जुड़ा हुआ है, और यही मेरी सबसे बड़ी कमी है। मुझे नहीं पता कि तुम मुझे इस कमी के साथ अपना पाओगे या नहीं, ये भी पता नहीं कि तुम्हें मेरी ज्यादा केयर करने वाली आदत परेशान ना कर दे, ये सब बस सोच रहा हूं मैं इस इंतज़ार में कि जब तुमसे मिलूंगा तो शायद अपनी बातें खुलकर तुमसे बोल सकूं, क्या है ना कि मुझे दूर के रिश्तों से डर लगता है, जितनी बातें मैं तुम्हें बोलूंगा तुम उतना ही सुनोगे और धारणा बना लोगे की हम कैसे हैं, ठीक है तुम दूर हो अभी मुझसे, लेकिन अपने पास होने का कभी एहसास कराओ तो अच्छा लगेगा मुझे। आज अगर तुम पास होते तो बेहतर समझ पाते मुझे लेकिन कोई नहीं हम भी रास्ते में ही है, तुमने जहां का पता दिया है उससे ज्यादा दूर तो नहीं है, लेकिन कितना समय लगेगा वहां तक पहुंचने में ये बस समय पर छोड़ दे रहा हूं, चलो थोड़ी देर के लिए सो लेता हूं, थकावट थोड़ी ज्यादा हो गई है।


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