तुम Counsellor बन जाओ


मुझे हंसी आ गई जब उसने मुझसे कहा तुम परामर्शदाता (Counsellor) क्यों नहीं बन जाते हो। गलत सलाह तो देते नहीं हो जब देखो तब सबको प्रेरित करने वाली बातें करते रहते हो। तुम्हारे पास ज़िंदगी का अच्छा अनुभव भी है, जो तुमने ख़ुद जिया हुआ है। तुम किसी भी मुश्किल में ख़ुद को सुलझाने की काबिलियत रखते हो। तुम अच्छे श्रोता भी हो लेकिन कभी किसी को मुफ़्त में सलाह मत देना, क्योंकि यहां मुफ़्त के सलाह की कोई कद्र नहीं करता है। हमनें भी उसके हां में हां मिलाते हुए कहा कि कोशिश करेंगे लेकिन अगर ऐसा है तो क्यों ना हम तुमसे ही शुरुआत करें। मेरी बात सुनकर वो हसने की जगह सच में अपनी बातें बतानी शुरु कर दिया। मुझे लगा नहीं था कि उसकी बात का मेरे पास कोई जवाब होगा लेकिन काफ़ी सुनने के बाद मेरी दी हुई सलाह शायद उसे बहुत अच्छी लगी। खुश होकर बोली अच्छा है कि तुम्हारे पास हर सवाल का जवाब है। पर ऐसा पहली बार नहीं था जब हम उसके परेशानियों को सुन रहे थे। मेरे कई ऐसे दोस्त हैं जो शुरु के दिनों से अपनी बातें मुझे बताते रहें हैं, ऐसी बातें जो वो शायद किसी से कह नहीं पाते थे, शायद इसी भरोसे से कि हम किसी को उनकी बातों से उनके बारे में कोई राय नहीं बनाते हैं। ना ही हमनें कभी उनकी बातों को लेकर कहीं परपंच किया था। आज भी जब कभी उन्हें अपनी कोई बात कहनी होती है तो वे मुझसे ही बात करना पसंद करते हैं। इतना सब कुछ सोचने के बाद लगा कि क्यों नहीं एक बार कोशिश करना चाहिए, सबकी बातों को सुनना चाहिए।


 सच बताएं तो मेरे लिए ज़िंदगी को देखने का नज़रिया शायद लोगों से अलग है, मुझे लगता है जो जैसा है खुबसूरत है। ना तो कभी किसी को किसी के लिए बदलने की ज़रूरत है ना ही आपको किसी को बदलने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि किसी को बदलने की चाहत में आप उसके लिए कब और कितने बुरे हो जाते हैं ये आपको पता नहीं होता है। जैसे कि मुझे लगता है कि आपका ये सोचना कि सामने वाले की ज़िंदगी से आप उसकी परेशानियों को हमेशा के लिए ख़त्म कर सकते हैं, तो आपकी ये सोच गलत है, आप किसी की भी ज़िंदगी से उसकी परेशानियों को ख़त्म नहीं कर सकते हैं। हां अगर आप उसका साथ देते हैं उसकी मुश्किलों में उसके साथ खड़े रहते हैं, उसको मानसिक सांत्वना देते हैं तो शायद सामने वाले में परेशानियों से लड़ने की ताकत ज़रूर बढ़ जाती है। वह कभी हार नहीं मानेगा, किसी भी मुश्किल को आसनी से पार कर सकता है। 





वैसे भी हमारे देश में मानसिक तनाव को ज्यादा तवज्जों नहीं दिया जाता है लेकिन जिस आधुनिक युग से ये दौर गुज़र रहा है यहां हर कोई किसी न किसी मानसिक तनाव से ग्रस्त है। कोई अकेलेपन से, कोई किसी को खोकर, कोई परिवार में होने वाले झगड़े से तो कोई आपसी रिश्ते को लेकर हर कोई यहां तनाव में रहता है। इसी उथल पुथल में ना जाने इंसान कब धोखे का शिकार हो जाता है जिससे वह कई गलत फैसले ले लेता है। सच कहूं तो हमारे भारत में माता-पिता कभी अपने बच्चों को मानसिक तनाव से कैसे बचना है बता ही नहीं पाते हैं। लेकिन हम वादा करते हैं कभी अगर तुम्हें लगे कि मुझसे बात करनी है अपनी बातें बतानी है तुम मुझे बोल सकते हो, हम सुनेंगे तुम्हारी बातें, और शायद तुम्हारी परेशानियों को ख़त्म ना कर पाएं लेकिन एक दोस्त बनकर ये ज़रूर बता सकतें हैं कि तुम अपनी परेशानियों का सामना कैसे करोगे। मेरे पास ज़िंदगी का अच्छा अनुभव है जो तुम्हारे काम तो आ ही सकता है।

Comments

  1. बताने को तो बहुत कुछ है पर कभी कभी लगता बताकर या तो लोग मुझे जज करेंगे या फ़िर पीठ पीछे लोगो से मेरी बुराइयां...

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    1. Aap sahi main bahut badhiya counsellors ho😃

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  2. इस बार गुरुग्राम में काउंसलर की टिकट आपकी....हा हा हा।
    वाकई में मोतियों की तरह शब्दों को पिरोकर माला बनाई है। ऐसे लगता है बार-बार पढ़ते रहें....ऐसे ही कीबोर्ड चलाते रहना

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