उम्र का पड़ाव...
आज समय भी बड़ा शांत होकर मेरी बातें को सुन रहा है। हो भी क्यों ना एक अरसे से हमनें समय को भी समय नहीं दिया। कभी-कभी लगता है हम इतने व्यस्त कब हो गए ज़िंदगी में कि समय का भी साथ छोड़ दिया था हमनें, लेकिन आज नहीं, आज वो मेरे साथ बैठकर मेरी सारी बातें सुनेगा, मेरे सारे सवालों के जवाब भी देगा, मेरे पास भी आज उसके सारे सवालों के जवाब हैं। आज हम समय से आंखें मिलाकर ये बोल पा रहे हैं, कि हम तुमसे दूर नहीं हुए ना होना चाहते हैं बस तुम्हारे साथ क़दम से क़दम मिलाकर चलना चाहतें हैं। एक अरसा हो गया है जब हम तुम्हारे साथ बैठे ही नहीं। कितना कुछ है कहने को। कभी कभी लगता है हम इंसान बड़े ही अजीब प्राणी हैं, वक्त ही नहीं निकाल पाते हैं एक दूसरे के लिए, हमें लगता है हम तुमसे प्यार करते हैं लेकिन अपने सुविधानुसार, हम तुम्हारी परवाह करते हैं लेकिन अपने सुविधानुसार। हमनें दूसरों के बारे में सोचना या परवाह करना बंद कर दिया है।
aapkey shabdon mein jaadu hai
ReplyDeleteBahut badi baat kah diya, Dost.
Deleteदिल को छूने वाली बात
ReplyDeleteThank you ❤️
Deleteबहुत शानदार और सच्ची बात
ReplyDeleteShukriya 😀
Deleteबेहतरीन
ReplyDeleteUmeed hai aage bhi likhne ki koshish karenge
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