बकलोल हो तुम !!!
हालाकि ऐसे फैसले लेने के बाद आपको कई बार नुक़सान भी हो सकता है लेकिन हो सकता आप ज़िंदा रहे और किसी दुसरे के लिए प्रेणा बन सके। हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही है, हमारे कई फैसले से हमें कई बार भारी नुक़सान भी उठाना पड़ा है, लेकिन कभी अपने लिए फैसलों पर अफ़सोस नहीं हुआ और आज की ज़िंदगी में हमनें जीने का एक अपना नियम लागू कर रखा है। अपने तरीक़े से ज़िंदगी को जीते हैं, ना तो हमें हारने का डर है ना जीतने की कोई ख्वाहिश, हमनें जीना सीख लिया है खुश होकर जीना इतनी ही चाहत है कि जब कभी तुम किसी से मिलो तो उसे हमारे जैसा बनने को बोलना, बोलना कि अगर तुम्हें ज़िंदगी में कुछ हासिल करना हो तो बकलोल बनकर ही हासिल कर सकते हो, क्योंकि जब तुम्हें दुनियां बकलोल समझेगी तो तुम्हारे रास्ते में कोई नहीं आएगा केवल वही परेशानियां आयेंगी जो तुम्हें ज़िंदगी में जीना है। तुमसे ये सब बातें करते हुए हम ही कई बार सोच में पड़ जाते कितना अजीब होता है ऐसा होना, कितना अजीब है लोगों को समझा पाना कि तुम उनसे अलग नहीं हो बस तुम किसी भी रास्ते पर पांव रखने से पहले आने वाली परेशानियों से डरते नहीं हो, कैसे समझाओगे तुम उन्हें कि तुम्हें ज़िंदगी आगे बढ़ने के लिए केवल पहाड़ों पर चढ़ना नहीं होता है किसी एक रास्ते पर पैदल लंबी दूरी तय करना भी ज़िंदगी का अपना मज़ा है। नहीं समझा सकते हो ना जानता हूं इसी लिए कहता हूं छोड़ो दुनियां को समझाना तुम्हारी ज़िंदगी है उसे जियो, लेकिन कभी किसी बात का अफ़सोस मत करना, क्योंकि हर किसी कि ज़िंदगी में "कुछ और काश" हमेशा बाकी रह जाता है। खैर जाने दो हो तो तुम बकलोल ही ना इसी लिए कोई फ़ैसला लेने से नहीं डरते हो।
Beautiful words
ReplyDelete1 no
ReplyDeleteSatyendra aughad
ReplyDeleteBaklol ho hi tum jo itta accha likh lete
ReplyDeleteThank you, but isme naam bhi mention karna tha na ji.
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