तुम हिम्मत कैसे हार जाते हो...

 

प्रिय साथी

       सुना है कि तुम मेरी चिठ्ठियों को पढ़ते हो, मुस्कुराते भी हो लेकिन उसका जवाब नहीं देते हो। कोई बात नहीं मुझे इसका अफसोस नहीं है लेकिन मैं तुम्हें चिट्ठियां लिखना बंद नहीं करुंगा। आजकल वैसे भी हम किसी से कोई अपेक्षा रखते भी नहीं है। मैंने अकेले खुश रहना सीख लिया है। हां जब तुम जब मिलोगे वो एक समय होगा, और मैं उस समय का इंतज़ार भी कर रहा हूं। फिलहाल अभी अकेले रहने से डर नहीं लगता है। मैं बस इतना चाहता हूं कि तुम तभी मेरे पास आना जब तुम्हें ये लगने लगे कि मेरे साथ आने का तुम्हारा ये फ़ैसला गलत नहीं है। तब तक तुम हिम्मत जुटाओ, क्योंकि मेरे पास समाज से लड़ने के लिए बहुत हिम्मत है लेकिन जब तुम साथ आओगे तो हिम्मत दोगुनी हो जायेगी तुम्हारी भी और मेरी भी। 


वैसे आजकल मैं सुन रहा हूं कि तुम ज़िंदगी से हारने जैसा महसूस करने लगे हो। छोटी-छोटी बातें तुम्हें तुम्हारा आपा खोने पर मजबूर कर देती हैं। तुमने कई बार ख़ुद के सामान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी की है, लेकिन उससे क्या होगा। क्या तुम्हें पता नहीं है कि मैं तुम्हारी हिम्मत बनकर खड़ा हूं या क्या तुम्हें ये पता नहीं है कि मुझे हारना पसंद नहीं है, ना ही मैं तुम्हें हारता हुआ देख सकता हूं। तुम जब भी बोलते हो ना कि परिवार और ये दुनियां के लोग तुम्हें कुछ बोलते हैं तो तुम हताश हो जाते हो, तुम्हें लगने लगता है कि तुम्हारा इस दुनियां में होना व्यर्थ है, बस अब यहां सब कुछ छोड़ कर कहीं दूर चले जाना चाहते हो, अपनी दुनियां को ख़त्म कर लेना चाहते हो।

मुझे ये सुनकर बहुत निराशा हुई है, मुझे नहीं लगता था कि जिसे मैं चुन रहा हूं वो इतनी जल्दी हार मानने वालों में है। लेकिन कोई बात नहीं तुम्हें हताश होने की आवश्यकता नहीं है, मैं तुम्हें अभी भी बता सकता हूं कि तुम फ़िर भी भाग्यशाली हो कि तुम्हें तुम्हारे घर वालों ने घर से बेघर नहीं कर दिया, समाज ने तुम्हारा बहिष्कार नहीं किया, उन्होंने तुम्हें ठिठुरते हुए ठंड में अकेले सड़क पर ठोकरें खाने के लिए छोड़ नहीं दिया, जहां तुम्हें बस एक चादर में सड़क पर रात बितानी पड़ी हो, या तुम्हें महीनों भूखा रहना पड़ा हो, या तूमने कभी अपना सामान या घड़ी गिरवी रख कर भोजन करना पड़ा हो, या कभी तुम्हें मीलों पैदल चलकर काम करना पड़ा हो। कभी ऐसा हुआ है तुम्हारे साथ कि तुम्हारे पैरों में छाले पड़ गए हों और एक क़दम भी चलना मुश्किल हो गया हो लेकिन तुमने उसी हालात में काम किया हो। जब तुम्हें इन सबमें से कुछ भी नहीं करना पड़ा है तो तुम हिम्मत कैसे हार जाते हो। मेरी बात सुनो छोटी छोटी बातों को अगर दिल से लगाना शुरू कर दोगे तो तुम मेरे साथ ज़िंदगी में दूर तक कैसे चलोगे। 

मुझे तो डर है कि कहीं आधे रास्ते में तुम्हारा साथ छूट गया तो मेरा क्या होगा, मैं तो अभी से उस अकेले रहने वाले ख्याल से टूट जाता हूं। मेरी बात मानों तुम थोड़ा सा समय निकालो और मुझसे आकर मिलों, मेरे पास बहुत समय है तुम्हारे लिए। तुम्हें सुनूंगा, कोई बात तुम्हें समझ नहीं आएगी तो मैं उसे तुम्हें समझाने की कोशिश करुंगा, जहां तुम्हें मेरा साथ चाहिए होगा तो तुम्हारा हाथ मजबूती से पकड़ कर तुम्हारा हौसला अफजाई करुंगा, लेकिन हारने नहीं दूंगा। तुम्हें पता नहीं है लेकिन परिवार में लोग तुम्हें कोसते ज़रूर हैं लेकिन उतना ही प्यार भी करते हैं, तुम्हें कुछ हो जाएगा उसके बाद उनका क्या होगा ये ज़रूर सोचना। तुम्हें याद है तुम कहते थे कि तुम्हारे सपने बहुत बड़े हैं तुम्हें ज़िंदगी में ये चाहिए वो चाहिए और तुमने मुझसे भी पूछा था कि विनय तुम्हें क्या चाहिए और मैंने कुछ नहीं बोला था तुमने उसके बाद भी उस बात पर जोर दिया था, मैं मज़ाक में कहने वाला था कि ( एक अच्छा कैमरा एक अच्छी मोटर साइकिल, बैंक खाते में कुछ रूपये और तुम ) दिलवा सकते हो क्या।

लेकिन मुझे लगा कि पता नहीं आप कहीं बुरा ना मान जाएं इस लिए मैंने एक लाइन में कि ( सफ़र का मज़ा लेना है तो सामान कम रखिए और ज़िंदगी का मज़ा लेना है तो अरमान कम रखिए) पर ख़त्म कर दिया था। मैं आज भी इसी बात पर कायम हूं इसी लिए हारने जैसा कुछ महसूस नहीं होता है। अब अगर तुम हार जाओगे तो तुम्हारे सपनों का क्या होगा। सुनो तुम दुनियां की परवाह करना छोड़ो, तुम अपना सपना लेकर मेरे साथ चलो, मेरे पास भी एक मेरा एक सपना है, दोनों मिलकर अपने अपने सपनों का पीछा करेगें। लेकिन पहले थोड़ी सी हिम्मत जुटा लो, क्या है ना कि रास्ते में काटें बिछाने वाले भी कम नहीं हैं, कई बार गुस्सा आएगा, मन करेगा कि तुम उन सबसे बहुत दूर चले जाओ।  लेकिन थोड़ा सा हौंसला रखना बाकी मेरे पास भी ज़िंदगी को जीने का हौंसला है और समाज के तानों और उनके उपेक्षाओं से ज्यादा है। मुझे ज़िंदगी को जीना आता है और हो सकता है मेरे साथ चलते हुए तुम भी सीख जाओ, लेकिन हारना मत।


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