बारिश और तुम
हम आज भी बारिश में भीग रहे थे। उसी शाम की तरह जब तुम्हें पहली बार पता चला था कि हम बारिश में भीगने के बाद छोटे बच्चे की तरह कांपने लगते हैं। तुम्हें बहुत हसी भी आयी थी लेकिन तुमने मेरा हाथ थाम लिया था ताकि हमें तसल्ली दे सको। तुम्हारे अलावा कोई भी नहीं जानता था कि हमें बारिश में भीगना नहीं आता है। हम तो केवल उस बारिश के बहाने अपने आसूओं को ही छिपाना जानते थे। हम तुम्हारी यादों को कुरेदना नहीं चाहते हैं, हम बस अपनी यादों को ज़िंदा रखना चाहते हैं। उस हीरे की तरह जो भले ही कितना भी मिट्टी से लिपट गया हो लेकिन अपनी अहमियत कभी कम नहीं होने देता है। तुम्हें सच बताऊं तो तुम्हें खोने का एहसास तो है, लेकिन यह सच है कि हम तुम अब लौट नहीं सकतें हैं उस रास्ते पर जहां कभी हम दोनों ने मिलकर एकसाथ चलने का वादा किया था। कहते हैं कि जब आपकी ज़िंदगी पर समय की नज़र लग जाए तो रिश्ते को बचा पाना मुुश्किल हो जाता है। अब हम तुम्हें तो दोषी नहीं ठहरा सकते हैं ना, ना ही ख़ुद को, इसी लिए सारा दोष समय पर मढ दिया है। क्या करे समय से जो लड़ने लगे थे हम दोनों।
समय का ही तो फेरबदल है ये। एक बात कहूं तो हमनें ज़िंदगी के उस दरवाज़े को हमेशा के लिए बंद कर दिया है जहां से तुम गए थे। तुम शायद आख़िरी इंसान थे जिसने सच में हमें जानने कि कोशिश किया करते थे लेकिन वक्त ने तुम्हारा साथ ना दिया। हमें नहीं पता है कि तुम्हारी कमी को कभी कोई पूरा कर पाएगा या नहीं लेकिन ऊपर वाले से यही प्रार्थना करते हैं कि अगर ज़िंदगी में कभी कोई दूसरा जन्म मिले तो वो तुम्हारे साथ हो। लोग अक्सर कहते हैं कि कोई अगर उनकी ज़िंदगी से चला जाए तो वो उन्हें भूल जाया करते हैं, हम कहते हैं कि वो लोग या तो झूठ बोलते हैं या फिर भूलने का नाटक करते हैं, वैसे नाटक तो हम भी करते हैं, लेकिन तुम्हें भूलने का नहीं, भूलाने का। हो सकता है कभी जब हम दोबारा मिले तो हम तुम्हारे लिए बस एक अंजान चेहरा होंगे, अच्छा भी है। तुम क्यों ख़ुद को उस शख्स से मिलना चाहोगे जो खुद में बंधा हुआ हो। हमें याद है आखिरी बार जब तुम हमसे मिले थे तो तुमने कहा था आगे बढ़ना सीखो, और हम बढ़ भी गए हैं तुम्हारी यादों को समेटकर किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश में जहां हम तुम्हें पा सकें। कई चेहरे मिलते हैं हमें जो कभी कभी तुम्हारे होने का अहसास दिलाते हैं लेकिन कुछ अधूरापन सा होता है उनमें। तुम कभी मुक्कमल नज़र ही नहीं आए किसी में। तुम्हारे ना होने की ख़ामोशी का शोर किसी की आवाज़ सुनने का मौका ही नहीं देता है। बारिश की इस तेज़ धार ने तुम्हारी यादों को ताज़ा करने का मौका दिया है।
आगे बढ़कर भी हम हर शख्स में उसी इंसान को ढूंढते है जो हमें आगे बढ़ने की सलाह देकर निकल जाता है हमारी जिंदगी से....
ReplyDeletelove is the beautiful and ugly truth of life, which is not always perfect
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