Posts

Showing posts from 2021

उम्र का पड़ाव...

Image
बहुत दिनों बाद सुकून मिला है जैसे। एक चिड़िया सा बोझ था मन में लेकिन अब नहीं है। बहुत दिनों से लग रहा था पता नहीं कहां कैद हैं, लेकिन अब आज़ाद महसूस हो रहा है। अब डर नहीं लगता है, लगता है ज़िंदगी को एक नया पड़ाव मिल गया है। नहीं कोई खुशी की बात नहीं है, लेकिन आज जब घर लौटा तो मन बड़ा हल्का लग रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे शरीर हवा को महसूस कर रहा है, मन में एक लम्बी श्वास पहले से ज्यादा ठंडी और सुख देने का एहसास करा रही  है। ऐसा पहले भी हुआ है और जब भी हमें ऐसा महसूस होता है कहीं न कहीं हम उम्र के एक पड़ाव को पार कर रहे होते हैं, हां तो आज भी कुछ वैसा ही है। आज समय भी बड़ा शांत होकर मेरी बातें को सुन रहा है। हो भी क्यों ना एक अरसे से हमनें समय को भी समय नहीं दिया। कभी-कभी लगता है हम इतने व्यस्त कब हो गए ज़िंदगी में कि समय का भी साथ छोड़ दिया था हमनें, लेकिन आज नहीं, आज वो मेरे साथ बैठकर मेरी सारी बातें सुनेगा, मेरे सारे सवालों के जवाब भी देगा, मेरे पास भी आज उसके सारे सवालों के जवाब हैं।  आज हम समय से आंखें मिलाकर ये बोल पा रहे हैं, कि हम तुमसे दूर नहीं हुए ना होना चाहते हैं बस...

तुम Counsellor बन जाओ

Image
मुझे हंसी आ गई जब उसने मुझसे कहा तुम परामर्शदाता (C ounsellor)  क्यों नहीं बन जाते हो। गलत सलाह तो देते नहीं हो जब देखो तब सबको प्रेरित करने वाली बातें करते रहते हो। तुम्हारे पास ज़िंदगी का अच्छा अनुभव भी है, जो तुमने ख़ुद जिया हुआ है। तुम किसी भी मुश्किल में ख़ुद को सुलझाने की काबिलियत रखते हो। तुम अच्छे श्रोता भी हो लेकिन कभी किसी को मुफ़्त में सलाह मत देना, क्योंकि यहां मुफ़्त के सलाह की कोई कद्र नहीं करता है। हमनें भी उसके हां में हां मिलाते हुए कहा कि कोशिश करेंगे लेकिन अगर ऐसा है तो क्यों ना हम तुमसे ही शुरुआत करें। मेरी बात सुनकर वो हसने की जगह सच में अपनी बातें बतानी शुरु कर दिया। मुझे लगा नहीं था कि उसकी बात का मेरे पास कोई जवाब होगा लेकिन काफ़ी सुनने के बाद मेरी दी हुई सलाह शायद उसे बहुत अच्छी लगी। खुश होकर बोली अच्छा है कि तुम्हारे पास हर सवाल का जवाब है। पर ऐसा पहली बार नहीं था जब हम उसके परेशानियों को सुन रहे थे। मेरे कई ऐसे दोस्त हैं जो शुरु के दिनों से अपनी बातें मुझे बताते रहें हैं, ऐसी बातें जो वो शायद किसी से कह नहीं पाते थे, शायद इसी भरोसे से कि हम किसी को उनकी...

बारिश और तुम

Image
  हम आज भी बारिश में भीग रहे थे। उसी शाम की तरह जब तुम्हें पहली बार पता चला था कि हम बारिश में भीगने के बाद छोटे बच्चे की तरह कांपने लगते हैं। तुम्हें बहुत हसी भी आयी थी लेकिन तुमने मेरा हाथ थाम लिया था ताकि हमें तसल्ली दे सको। तुम्हारे अलावा कोई भी नहीं जानता था कि हमें बारिश में भीगना नहीं आता है। हम तो केवल उस बारिश के बहाने अपने आसूओं को ही छिपाना जानते थे। हम तुम्हारी यादों को कुरेदना नहीं चाहते हैं, हम बस अपनी यादों को ज़िंदा रखना चाहते हैं। उस हीरे की तरह जो भले ही कितना भी मिट्टी से लिपट गया हो लेकिन अपनी अहमियत कभी कम नहीं होने देता है। तुम्हें सच बताऊं तो तुम्हें खोने का एहसास तो है, लेकिन यह सच है कि हम तुम अब लौट नहीं सकतें हैं उस रास्ते पर जहां कभी हम दोनों ने मिलकर एकसाथ चलने का वादा किया था। कहते हैं कि जब आपकी ज़िंदगी पर समय की नज़र लग जाए तो रिश्ते को बचा पाना मुुश्किल हो जाता है। अब हम तुम्हें तो दोषी नहीं ठहरा सकते हैं ना, ना ही ख़ुद को, इसी लिए सारा दोष समय पर मढ दिया है। क्या करे समय से जो लड़ने लगे थे हम दोनों। समय का ही तो फेरबदल है ये। एक बात कहूं तो हमनें ज...

मुझे लोगों से डर लगता है...

Image
कभी लोग मुझे कहते थे कि मैं बातों को सबसे ज्यादा घुमाती हूं कभी सीधी बात नहीं कहती हूं, लेकिन तुमसे मिलने के बाद हमें लगा ना!! कोई है जो हमसे भी ज्यादा बातों को घुमा लेता है। तुम्हें कोई परेशानी होती है तो सीधे क्यों नहीं कह पाते हो इतना घुमाते क्यों हो। उनकी बातों ने जैसे थोड़ी देर के लिए चेहरे पर चुप्पी सी ला दिया था, उनकी बातों में कहीं न कहीं एक सच्चाई सी थी, सच में हमनें तो अब बातों को घुमाना सीख लिया था, लेकिन इसकी कई वजहें भी थी। कई लोग थे ज़िंदगी में जो हमसे अक्सर ये दावा किया करते थे कि वो हमें बेहतर समझते हैं लेकिन जब वक्त सच में समझने का आया तो सबने अपने-अपने हिसाब से समझना शुरु कर दिया। एक बात कहूं तो एक वो दिन था और एक आज का दिन है, उस के बाद से हमें अपनी बात को किसी से कहने में डर लगने लगा कि हम कैसे किसी से कहें, कैसे किसी को बताएं, वो वक्त वो सच डरावना था, जब अक्सर नींद की ख्वाहिश में आंखें हमेशा खुली ही रहती थी, कई बार कोशिश किया था हमनें, जब कोई ख़ास हुआ तो उसे बताने का कि हम कैसें हैं, लेकिन किसी को समझ में नहीं आती है ना तो कोई समझना नहीं चाहता है, और तो और कभी-कभी ...

बकलोल हो तुम !!!

Image
सुनो तुम बकलोल हो इसी लिए तुम कोई फ़ैसला लेने से नहीं डरते हो, नहीं तो यहां कौन ऐसा है जो ज़िंदगी के बड़े बड़े फैसले लेने से पहले नहीं सोचता है। तुम हमेशा गलत समय पर सही फैसले ले लेते हो, इतना सुनना था कि हमें हसी आ गई। उसने हमें हंसाने के लिए ये बोला तो था लेकिन ना जाने क्यों उसकी बातों में सच्चाई छिपी हुई थी। उसके बात ख़त्म करने के बाद हमें लगा क्यों ना एक बार उसकी बातों पर गौर किया जाए, एक बार फिर खुद के द्वारा लिए जाने वाले फैसले पर विचार किया जाए, फिर क्या हम चल दिए वापस उसी ज़िंदगी की यादों में जहां ऐसे कई फैसले थे जिसने हमें बनाया भी था और कहीं न कहीं लोगों के जहन में ज़िंदा रहने वाले शख्स की अहमियत भी दिलाई थी। हमें याद है कैसे बस एक पल में ज़िंदगी बदल गई थी मेरी, लगा ही नहीं हमें कि जितनी दूर सफ़र करके आज यहां आए हैं अगर सोचते तो शायद ही आ पाते।  चाहे वो कि सी दिन अपनी परिवार के नियमों के खिलाफ़ जाना हुआ या अपने आस पास के लोगों के द्वारा किए जाने वाले व्यवहार के खिलाफ़ जाना हुआ। किसी को हमनें कहते सुना था सेना बॉर्डर पर तैनात रहती है और सामने से गोली आने वाली हो और ये सोचन...

वो पांच लोग...

Image
  बड़ी हैरानी हुई मुझे अपने आप से आज, जब उसने मुझसे पूछा कि तुम अपनी ज़िंदगी में उन पांच लोगों के नाम बताओ जिनको तुम्हारे होने ना होने से फ़र्क पड़ता हो, हम एकदम से सोच में पड़ गए, लगा जैसे कि ये हमनें कभी सोचा क्यों नहीं, कभी लगा ही नहीं कि ऐसे सवालों से भी कभी सामना होगा मेरा। साधारण डिब्बे से चलते हुए स्पेशल डिब्बे में आ गए पता ही नहीं चला, ठीक है कि वहां भीड़ भाड़ रहता है लेकिन अकेलापन तो नहीं होता है ना, इस डिब्बे में तो कोई किसी से बात ही नहीं करता है, ना किसी की तरफ़ देखकर मुस्कुराता है, बस सब अपनी अपनी धुन में ज़िंदगी को जिए जा रहे बिना बोले, बिना दूसरों पर ध्यान दिए। साधारण डिब्बे में आप भले ही अकेले रहते हैं लेकिन सामने वाला एक बार आपका हाल चाल ज़रूर पूछ लेता है, एक बार आपकी तरफ़ देखकर प्यार से मुस्कुरा भी देता है। उदास ज़िंदगी हमनें पहले भी देखी है लेकिन इतनी नहीं!! वैसे सच बताऊं तो वो सामने वाली सीट अभी भी ख़ाली पड़ी है, जब स्टेशन पर बैठा था तो स्टेशन मास्टर ने आकर पूछा कि सर आपको कहां जाना है काफ़ी समय से आप यहां अकेले बैठे हैं, किसी का इंतज़ार कर रहे हैं क...

इंतज़ार...

Image
Part-2  कल मुझे एकदम से लगा की जैसे किसी ने मुझे चलती हुई गाड़ी से बीच रास्ते में ही उतार दिया हो मुझे बहुत अज़ीब सा लगा चारों तरफ़ केवल रेत ही रेत दिखाई दे रही है रास्तों का कोई अंत दिखाई ही नहीं दे रहा है, पैदल चलते हुए पैरों में इतनी जलन सी हो गई है कि जूतों को रोड़ के किनारे फेंक फिर से पैदल चलने को सोच रहा हूं, लेकिन जैसी ही खड़ा हुआ तो एकदम से पैरों तले जलन बढ़ सी गई है देखता हूं की उंगलियों में छाले से पड़ गए हैं, हिम्मत ही नहीं हो रही आगे चलने की, सोच रहा हूं कि रुक जाऊं थोड़ी देर के लिए यहीं बैठ जाता हूं, लेकिन जैसे ही आखें बंद कर रहा हूं तुम्हारा अंजान चेहरा एकदम से सामने आ जा रहा है, तुमसे जो मिलने की ख्वाहिश है उसकी खुशी भी है और थोड़ी बैचेनी भी है, कि मैं तुम्हें पसंद भी आऊंगा या नहीं, हो सकता है जैसा तुमने अपने सपने में मुझे देखा हो मैं उससे कई अलग हूं, या जितना तुमने मुझसे बात किया हो उससे भी कई अलग हूं, हो सकता है कि हम गलत भी हो, क्योंकि हम अकेले तो है नहीं इस दुनियां में जो अच्छा व्यक्ति हो। हम बस कोशिश करते हैं कि एक बेहतर इंसान बन सके और एक बेहतर दोस्त, सच कहूं ...

इंतज़ार...

Image
 प्रिय साथी,                 सच कहूं तो काफ़ी दिनों बाद अच्छा लगा किसी से बात करके। वैसे तो हम रोजाना कई लोगों से मिलते हैं बात करते हैं और सबसे घुल मिल भी  जाते हैं,  लेकिन इतना नहीं कि किसी को अपनी ज़िंदगी में जगह बनाने के लिए चुना जा सके। मानते हैं कि हम कभी कभी उदास रहने वाले इन्सान हैं, लेकिन उस उदासी को बहुत खूबसूरत तरीके से अपने अन्दर समेट रखा है हमनें, उसकी छांव में आने वाले किसी भी इंसान को परेशान नहीं करते हैं उसे कभी अकेला नहीं रहने देते हैं। "वो कहते हैं ना कि एक पेड़ कॉर्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करता है और ऑक्सीजन छोड़ता है, बस ठीक वैसे ही हैं हम। एक बात बताएं तो ज़िंदगी में बहुत ज्यादा चाहत नहीं है मेरी बस इतना कि एक इंसान हो जो वक्त बेवक्त साथ निभा सके, कभी जब ठहर जाऊं तो सड़क के किनारे दो पल साथ बैठ सके, बाकी उसके सपनों के साथ हम हमेशा चलने को तैयार हैं। जब कभी उसके पांव में काटे चुभे उसका हाथ पकड़ने के लिए तैयार हैं हम, कभी जब वो उदास हो तो उसके लिए जोकर बन जाएं हम, कभी जब वो ऑफिस से थककर आए तो उसके लिए एक कप चाय बना दे...